Description
‘रास्ता’ एक कविता संग्रह है जिसमें लेखक ने अनुभव और सत्य घटनाओं पर आधारित अनुभवों को शब्द और लय देने का प्रयास किया है। ‘हे पथिक तुम रास्ते को तुच्छ न मानो कभी, मंजिलों की तरह ही नायाब है ये रास्ता’ कहकर लेखक कविता का आधार स्पष्ट करता है। वहीं लेखक के लिए सफलता का एकमात्र आधार ‘दृढ़ निश्चय’ है जो मानव की संपूर्ण क्षमता को उभारने का काम करता है। इस संग्रह में लेखक ने मानवीय संघर्ष, संघर्ष में आने वाली कठिनाइयाँ एवं उन कठिनाइयों से लड़ने का सुझाव देने का सुन्दर एवं साहसिक प्रयास किया है। प्रस्तुत संग्रह में लेखक ने न केवल काव्य के संस्कारिक आयामों का निर्वहन करने का प्रयास किया है अपितु सामाजिक-मानवीय गतिविधियों को भी अपने लेखन की परिधि में लाने का प्रयत्न किया है।
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